1)विष्णू, 2)जिष्णु, 3)महाविष्णू, 4)हरी, 5)कृष्ण, 6)अधोक्षज, 7)केशव, 8)माधव, 9)राम, 10)अच्युत, 11)पुरुषोत्तम, 12)गोविंद, 13)वामन, 14)श्रीश, 15)श्रीकृष्ण, 16)विश्वसाक्षी, 17)नारायण, 18)मधुरीपु, 19)अनिरुद्ध, 20)त्रिविक्रम, 21)वासुदेव, 22)जगद्योनी, 23)अनंत, 24)शेषशायिन्, 25)संकर्षण, 26)प्रद्युम्न, 27)दैत्यारी, 28)विश्वतोमुख, 29)जनार्दन, 30)धरावास, 31)दामोदर, 32)महार्दन, 33)श्रीपती.

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माणिक रत्न Manik Ratna
माणिक रत्न Manik
माणिक्य रत्नाची विविध भाषेतील नावे – संस्कृत माणिक्य, पद्मराग, लोहित, रविरत्न, कूरविंदं, वसुरत्न, सोगोधक, रत्ननायक, लक्ष्मीपुष्प
मराठी – माणिक
हिंदी – माणिक्य, चुन्नी, लाल, लाल-माणिक, रुगल
बंगला – माणिक
गुजराथी – माणिक, चुन्नी
तेलगू – माणिक्यम्
फारसी – याकूत
अरबी – लाल बदरूशाँ, लाल बदपशफनि
लॅटीन – रुबी, नर्स
इंग्रजी – रुबी
माणिक रत्नाचे भौतिक गुणधर्म
काठिण्य – काठिण्य

मंगल यंत्र
मंगल ग्रह के अशुभ होने से रक्तचाप, रक्त विकार, खुजली, फोड़ा-फुसी, रक्तसाव कुष्ठ रोग, आकस्मिक दुर्घटना जन्य रोग, अग्नि भय, गुप्त रोग, सूजन, वात, पित्त संबंधी रोग होते हैं

उपवास | upavasa | व्रत
उपवास जब हम सोते हैं तब हृदय के अतिरिक्त शरीर के सभी अंग विश्राम करते हैं। लेकिन हमारा पेट ही विश्राम नहीं करता विश्राम के पश्चात् स्फूर्ति प्राप्त होती है जिससे हमें अधिक काम करने का प्रोत्साहन मिलता है। यदि हम अपने पेट को भी आराम देना शुरू कर दें तो हम हमेशा निरोग रहेंगे। इस छोटे से गुरु मंत्र से हम कितने निरोगी होंगे इसका अनुमान वही लगा सकता है जो पहले रोगी रहा हो।

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भृगु संहिता से भविष्य जाना जाता है ! bhrugu sahita भृगु सहित क्या है ? bhrugu sahita भृगु संहिता का ज्ञान एक बहुत ही पुराना ग्रंथ के रूप में भृगु ऋषि ने लिखा था। बताया जाता है कि भृगु ऋषि दुनिया के हर आदमी और औरत की कुंडली उसके अंदर थी। जो भी मानव धरती…

कर्ज मुक्ति साठी हा उपाय केलात तर लवकर कर्ज कमी होईल.
vedashree jyotish margadarshan
vaibhavguru nanded
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#vivekdankh
#vaibhav guru

gudipadwa 2025 kadhi,muhurta all in one: गुडीपाडवा कधी गुडी कशी कधी उभी करावी
gudipadwa | गुढीपाडव्याची संपूर्ण माहिती मराठी 2025. gudipadwa information in marathi रविवार, 30 मार्च 2025 महाराष्ट्र गुढीपाडवा हा महाराष्ट्रातील एक महत्त्वाचा सण आहे. महाराष्ट्राच्या नववर्षाची सुरूवात गुढीपाडव्यापासून होते. हिंदू कालदर्शिकेप्रमाणे चैत्र शुद्ध प्रतिपदेला म्हणजेच वसंत ऋतूच्या पहिल्या दिवसाला गुढीपाडवा साजरा केला जातो. या वर्षी गुढीपाडवा रविवार, 30 मार्च 2025 ला साजरा केला जाणार आहे. या वर्षी भारतातील…